पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने जालंधर के पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। जस्टिस संदीप मौदगिल ने मामले की सुनवाई करते हुए पुलिस पर 2.5 साल तक कोई ठोस कदम नहीं उठाने का आरोप लगाया। दरअसल, यह मामला 20 जुलाई 2022 को दर्ज एफआईआर से जुड़ा हुआ है।
जिसमें शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने कैनेडियन वर्क परमिट दिलाने का झूठा वादा करके धोखाधड़ी की है। शिकायतकर्ता के बार-बार कहने के बावजूद पुलिस ने जांच नहीं की। कोर्ट ने कहा कि 22 नवंबर को नोटिस जारी होने के बाद पुलिस ने अचानक 10 दिन के अंदर जांच पूरी करके चालान पेश कर दिया। न्यायमूर्ति मोदगिल ने इसे “याचिका को दबाने का जल्दबाजी में किया गया प्रयास” बताया। अदालत ने कहा कि पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली “लापरवाहीपूर्ण और दयनीय दृष्टिकोण” को दर्शता है।
कोर्ट ने कहा कि बिना निष्पक्ष जांच के चालान दाखिल करना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। इसके अलावा, पुलिस धारा 39-ए के तहत समान न्याय सुनिश्चित करने में विफल रही। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर को 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया और यह रकम उनके वेतन से काटने का निर्देश दिया। इसके अलावा पंजाब के पुलिस महानिदेशक से वेतन से जुर्माना काटे जाने की पुष्टि का हलफनामा भी मांगा गया है। मामले की अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी।