जालंधर में नगर निगम के चुनावी बिगुल बजने के साथ ही सभी पार्टियों में हलचल तेज हो गई है। वार्ड नंबर 30 से आम आदमी पार्टी की तरफ से अजय चोपड़ा, कांग्रेस की तरफ से जसलीन कौर सेठी और बीजेपी की तरफ भूपिंदर सिंह जॉली मैदान में हैं, वहीं पूर्व अकाली दल के सीनियर नेता इकबाल सिंह ढींढसा की पत्नी बतौर आजाद उम्मीदवार खड़ी हैं। चारों उम्मीदवारों एक-दूसरे को कड़ा मुकबला दे सकते हैं।
अजय चोपड़ा करीब 24 साल तक बीजेपी पार्टी से जुड़े रहे। पर अब वह बीजेपी छोड़कर आप में शामिल हो गए हैं। अजय चोपड़ा को काफी लंबा अनुभव है और बीजेपी में 24 साल रहने के कारण वह बीजेपी की वोटें भी काट सकते हैं। क्योंकि इलाके में वह एक जाना-माना चेहरा हैं, जिसका उन्हें फायदा मिलेगा और वह इस चुनावी जंग में आगे दिखाई दे रहे हैं और जीत का माद्दा रखते हैं।
वहीं इलाके की पूर्व पार्षद डॉ. जसलीन कौर सेठी को इस बार जीतने के लिए काफी मेहनत मशक्कत करनी पड़ेगी। क्योकिं उनके पिछले कार्यकाल के दौरान कई काम अधूरे रह गए थे। इलाके में स्ट्रीट डॉग्स की समस्या से लेकर पानी की समस्या को लेकर लोगों को दो-चार होना पड़ा था। इसी मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियां फायदा उठा सकती हैं।
वहीं वार्ड नंबर 30 से इस बार जालंधर से अकाली दल के वरिष्ठ नेता इकबाल ढींडसा की पत्नी आजाद तौर पर मैदान में हैं। उनका कहना है कि हमारे इलाके का फैसला है कि आजाद उम्मीदवार को जिताया जाए। पहले भी उनकी पत्नी आजाद तौर पर जीत चुकी हैं। वह भी कड़ा मुकाबला दे सकती हैं।
बीजेपी ने भूपिंदर सिंह जॉली को वार्ड 30 से उतारा है। भूपिंदर सिंह को यह सीट जीतने के लिए उनके पुराने साथी रही अजय चोपड़ा को हराना होगा। क्योंकि अजय चोपड़ा की इलाके में काफी अच्छी इमेज बनी हुई है और बीजेपी समर्थिन लोगों का उन्हें सपोर्ट भी हासिल हो रहा है। भूपिंदर सिंह इसी वोट को अपने पाले में डलवाना चाहेंगे। कुल मिलाकर वार्ड नंबर 30 की सीट पर दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। क्योंकि यहां पर 2 पुरुष उम्मीदवार और 2 महिलाएं उम्मीदवार शामिल हैं।