कनाडा सरकार ने मल्टीपल एंट्री वीजा पर अपनी नीति में बड़ा बदलाव करते हुए दस वर्ष वाला पर्यटक वीजा जारी करना बंद कर दिया है। इससे कनाडा आने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। नए दिशा-निर्देशों में आव्रजन अधिकारी अपने स्तर पर यह निर्णय ले सकेंगे कि सिंगल एंट्री या मल्टीपल एंट्री वीजा जारी किया जाए या नहीं। अधिकारी यह भी तय करेंगे कि यह वीजा कितने समय के लिए जारी किया जाना चाहिए। पहले इसकी अधिकतम वैधता 10 वर्ष तक या यात्रा दस्तावेज या बायोमैट्रिक की समाप्ति तक थी।
समझा जाता है कि नीति में यह बदलाव राजनीतिक संकट से जूझ रहे प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को आवास की कमी, जीवनयापन की उच्च लागत व घटती अनुमोदन रेटिंग पर जनता के गुस्से को कम करने के लिए किया गया है। ट्रूडो घोषणा कर भी चुके हैं कि वह अस्थायी व स्थायी आप्रवासन दोनों को कम कर रहे हैं। पिछले महीने, अप्रवासन मंत्री मार्क मिलर ने कहा था कि कनाडा सरकार को देश में अस्थायी अप्रवासन के प्रवाह को रोकने के लिए पहले ही कार्रवाई करनी चाहिए थी जो अब आवास संकट का कारण बन रहा है। आव्रजन विभाग ने स्पष्ट किया है कि मल्टीपल वीजाधारक को वीजा की वैधता की अवधि में आवश्यकतानुसार किसी भी देश से कनाडा में प्रवेश करने की अनुमति होगी।
भारतीय-अमेरिकी समुदाय के प्रमुख नेता सुधीर पारिख ने मौजूदा राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद महत्वपूर्ण परिदृश्यों की चर्चा की है। उन्होंने भारत-कनाडा के राजनयिक गतिरोध को हल करने में अमेरिका की भूमिका के साथ भारतीय-अमेरिकी समुदाय के ट्रंप को समर्थन के बारे में बात की।
भारतीय अमेरिकियों और दक्षिण एशियाई हिंदुओं के समूह हिंदूज फॉर ट्रंप का प्रतिनिधित्व करने वाले पारिख के संगठन ने एक साथ आकर इस चुनाव में ट्रंप का समर्थन किया था। पारिख ने कहा कि लगभग आधे भारतीय अमेरिकी, रिपब्लिकन दर्शन, एजेंडा और सोच में विश्वास करते हैं। भारत-कनाडा राजनयिक विवाद पर टिप्पणी करते हुए पारिख ने कहा कि उनके समूह ने इस मुद्दे को उठाया था। हमने चर्चा की थी और ट्रंप ने वादा किया था कि अगर वह निर्वाचित होते हैं, तो कनाडा सरकार और भारत सरकार के बीच इस संकट को सुलझाने में हमारी मदद करेंगे।