सीनियर अकाली दल के नेता विरसा सिंह वल्टोहा आज सुबह श्री अकाल तख्त साहिब पेश होने पहुंचे। उन्हें श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से 15 अक्तूबर को सुबह 9 बजे सबूतों सहित पेश होने के आदेश दिए गए थे। विरसा सिंह वल्टोहा ने दो दिन पहले श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदारों पर आरएसएस और बीजेपी का दबाव बताया था।
विरसा सिंह वल्टोहा के पेश होने के बाद पांच सिंह साहिबानों की बैठक चली। बैठक के बाद आज श्री अकाल तख्त साहिब ने बड़ा आदेश जारी करते हुए कहा हैं, कि विरसा सिंह वल्टोहा काे 10 साल के लिए पार्टी से बाहर करने के आदेश दिया हैं। बता दें, अकाली नेता विरसा सिंह वल्टोहा काे आज श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने 15 अक्टूबर को तलब किया था।
वल्टोहा ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार पर आरएसएस और बीजेपी के दबाव में काम करने का आरोप लगाया था। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने वल्टोहा को सबूत पेश करने को कहा था, जिसके अनुसार वल्टोहा आज श्री अकाल तख्त साहिब के समक्ष पेश हुए। इस मौके पर दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह भी मौजूद रहे। साथ ही श्री अकाल तख्त साहिब ने कहा कि अगर विरसा सिंह वल्टोहा इस तरह की बयानबाजी करने से बाज नहीं, आए ताे उनके खिलाफ बड़ा कदम उठाया जाएगा।
श्री अकाल तख्त साहिब ने लिखित में आदेश जारी किया हैं, जिसमें विरसा सिंह वल्टोहा ने पूर्व में तख्त साहिब के जत्थेदारों की नकल करते हुए मीडिया में गलत बयानबाजी की थी, जिसके निम्नलिखित दाेष साबित हाेते हैं-
सुखबीर सिंह बादल के मामलों पर कड़ा फैसला लेने के लिए आरएसएस द्वारा जत्थेदार साहिबानों पर दबाव बनाने के आरोपों पर भाजपा कोई ठोस सबूत नहीं दे पाई है।
जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब जी के घर जाकर उन्हें सुखबीर सिंह बादल के चल रहे मुद्दे पर राजनीतिक फैसला न लेने की धमकी दी।
बिना बताये जत्थेदार श्री अकाल तख्त साहिब से हुई बातचीत रिकार्ड कर विश्वासघात।
सुनी-सुनाई बातों के आधार पर मीडिया में जत्थेदार साहिबों की भूमिका निभाना।
जत्थेदार साहिबों द्वारा विदेशों में अपनी संपत्तियों के संबंध में दिए गए झूठे बयानों के बारे में कोई ठोस सबूत पेश करने की बजाय, वे झूठे और आधारहीन बयान देकर सिंह साहिबों के चरित्र को बदनाम कर रहे हैं।
भाजपा आरएसएस द्वारा दमदमा साहिब में सिंह साहिब ज्ञानी हरप्रीत सिंह जी पर सुखबीर बादल को पद से हटाने के संबंध में बातचीत के झूठे दावे करने का दबाव डाला जा रहा है।
शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता के तौर पर मीडिया में गलत भाषा से पंथक जमात शिरोमणि अकाली दल को भारी नुकसान पहुंचाया।
इसने अपनी गलतियों के लिए लिखित में माफी मांगी है, लेकिन मीडिया में अपनी बयानबाजी से तख्त साहिबान जी की गरिमा को तार-तार कर दिया है। इसलिए, शिरोमणि अकाली दल के कार्यकारी अध्यक्ष को बिना किसी कठोर कार्रवाई के 24 घंटे के भीतर पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से निष्कासित करने और 10 साल बाद पार्टी में फिर से शामिल होने का आदेश दिया जाता है इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएंगी।