जीएसटी विभाग के घोटाले में आरोपी पूर्व डी.ई.टी.सी. बीके विरदी को विजिलेंस ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया है। विजिलेंस ने आरोपी को जालंधर अदालत में पेश कर दो दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया है। मामले की जानकारी देते हुए विजिलेंस अधिकारी ने बताया कि इससे पहले बलबीर कुमार विरदी और राज्य आबकारी विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मचारी कुछ ट्रांसपोर्ट और उद्योग मालिकों के साथ मिलीभगत करके करों की चोरी में शामिल थे।
इस संबंध में बलबीर कुमार विरदी और अन्य के खिलाफ विजीलैंस ब्यूरो पुलिस स्टेशन, फ्लाइंग स्क्वायड-1, एसएएस नगर मोहाली में आईपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 7-ए के तहत एक मामला 9 तारीख 21.08.2020 को दर्ज किया गया था। इस बीच बलबीर कुमार विरदी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के संबंध में एक सतर्कता जांच भी शुरू की गई थी।
आय से अधिक संपत्ति से संबंधित सतर्कता जांच के दौरान आरोपी बीके विरदी, निवासी लम्मा पिंड, जालंधर, जो अब कोठी नंबर 213, गुरु गोबिंद सिंह नगर, जालंधर में रह रहे हैं, को भी ब्यूरो द्वारा आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के लिए मामला दर्ज किया गया था। जो एक सरकारी अधिकारी के रूप में भ्रष्टाचार के माध्यम से बनाई गई थी। उन्होंने कहा कि 01.04.2007 से 11.09.2020 तक की जांच अवधि के दौरान, उन्होंने कुल 5,12,51,688.37 रुपये खर्च किए थे, जबकि सभी स्रोतों से उनकी वास्तविक आय 2,08,84,863.37 रुपये थी।
जांच के दौरान पाया गया कि उक्त अधिकारी ने चेक अवधि के दौरान अर्जित आय से 3,03,66,825 रुपये अधिक खर्च किए थे, जो उनकी कुल आय से लगभग 145.40 प्रतिशत अधिक था। गहन जांच से यह साबित हुआ है कि उक्त अधिकारी ने अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करके अपनी वास्तविक आय से अधिक चल और अचल संपत्ति बनाई है। इस संबंध में आरोपी बलबीर कुमार विरदी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) (बी) के साथ 13 (2) के तहत एफआईआर नंबर 12 तारीख 16.05.2023 को वीबी पुलिस स्टेशन, जालंधर रेंज में दर्ज किया गया था।
बी.के विरदी पर एफआईआर दर्ज होने के बाद से वह गिरफ्तारी से बच रहा था। दिनांक 03.05.2024 को हाईकोर्ट ने बलबीर कुमार विरदी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। उसके बाद विजीलैंस ब्यूरो लगातार उसे गिरफ्तार करने के लिए दबाव बना रहा था। आज आरोपी बलबीर कुमार विरदी ने हाईकोर्ट के निर्देश पर स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। इस मामले में आगे की जांच जारी है।