वेस्ट हल्के से विधायक शीतल अंगुराल को लेकर एक बार फिर से सियासत गरमा गई है। दरअसल, बीते दिन शीतल अंगुराल स्टीफन वापस लेने को लेकर स्पीकर को पत्र जारी किया था जिसको लेकर वह आज विधानसभा भी गए थे। विधानसभा में स्पीकर से मुलाकात ना होने के बाद उन्होंने उनके सैक्रेटरी को पत्र सौंप दिया था।
इस दौरान विधानसभा से बाहर आकर शीतल अंगुराल ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उन्हें 11 तारीख को सुबह 11:00 का समय दिया गया है। इसके कुछ देर बाद दोपहर 3:00 बजे स्पीकर द्वारा शीतल अंगुराल का इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। इस मामले को लेकर शीतल अंगुराल ने सोशल मीडिया पर लाइव होकर सरकार पर जमकर भड़ास निकाली।
शीतल अंगुराल ने कहा कि स्पीकर ने अगर उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया था तो उन्हें एक बार उनसे बात करनी चाहिए थी कि विधायक ने किसी दबाव में आकर तो इस्तीफा नहीं दिया है। शीतल अंगुराल ने कहा कि मुझे बुलाए बिना मेरा इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि यह बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए कानून में शामिल है कि विधायक को बुलाए बिना उसका इस्तीफा मंजूर नहीं किया जा सकता।