जालंधर इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेटने पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के प्रमुख पोंजी स्कीम धोखाधड़ी मामले में NGHE डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड और इसकी अन्य समूह कंपनियों की 1.64 करोड़ रुपए की 64 संपत्तियां को जब्त किया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों में मध्य प्रदेश के ग्वालियर, गुना, भिंड और दतिया में स्थित अचल संपत्तियां शामिल हैं।
ईडी ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के अनुपालन में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के प्रावधान के तहत जांच शुरू की। ईडी द्वारा की गई पूछताछ से पता चला कि दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर नाइसर ग्रीन ग्रुप कंपनियों के प्रबंध निदेशक पीपल सिंह और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत पंजाब, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में कई एफआईआर दर्ज की गई थी। ईडी की जांच से पता चला कि मुख्य आरोपी पीपल सिंह और उसके सहयोगियों द्वारा कई कंपनियां बनाई गईं।
नाइसर ग्रीन ग्रुप कंपनियों के निदेशकों ने अपने निवेश पर उच्च रिटर्न के झूठे वादे पर एफडी और आरडी के रूप में समूह की कंपनियों में निवेश करने के लिए आम जनता को लालच देकर अपराध की आय (पीओसी) अर्जित की थी। आरोपियों ने परिपक्वता अवधि समाप्त होने के बाद निवेशकों को पैसा लौटाने में चूक की। जिससे लोगों का काफी नुकसान हुआ। इसके अलावा, मामले की जांच से पता चला कि पीओसी का इस्तेमाल मेसर्स एनजीएचआई डेवलपर्स इंडिया लिमिटेड और अन्य समूह कंपनियों के नाम पर मध्य प्रदेश में खरीदी गई विभिन्न अचल संपत्तियों को हासिल करने के लिए किया गया था।