(PKL): डेराबस्सी किडनी ट्रांसप्लांट मामले में बनाई गई एसआईटी के द्वारा बड़ी कार्रवाई की गई है। इंडस अस्पताल के क्लीनिकल डायरेक्टर सुरिंदर सिंह बेदी को एसआईटी की सिफारिश पर नामजद किया गया है। डॉ एसएस बेदी किडनी ट्रांसप्लांट अस्पताल की अप्रूवल कमेटी के अहम सदस्य थे। पुलिस ने देर रात डॉ. बेदी का नाम लेने के बाद अगले दिन उनके घर पर छापेमारी की। लेकिन मोहाली स्थित उनके घर पर सिर्फ उनके पिता ही मिले, जबकि डॉ. बेदी पहले ही फरार हो चुके थे। इस संबंध में एसआईटी सदस्य एएसपी डॉ. दर्पण कौर अहलूवालिया ने बताया कि जांच में अवैध किडनी ट्रांसप्लांट में बेदी की भूमिका सामने आई है। उन्होंने कहा कि डॉ. बेदी अस्पताल से पूरी मंजूरी देते थे। उन्होंने कहा कि एक किडनी के लिए एक जरूरतमंद मरीज से करीब 25 लाख रुपये वसूले जाते थे।
जिसमें से डॉ. बेदी बड़ा हिस्सा खुद लेते थे। अभिषेक के बयान में अस्पताल की डॉक्टर बेदी का नाम सामने आया था। इसी के आधार पर मामले की गंभीरता से जांच की गई, जिसमें उनकी अहम भूमिका पाते हुए उन्हें नामजद किया गया है। बता दें कि पिछले 3 साल के दौरान अस्पताल द्वारा 35 किडनी ट्रांसप्लांट किए जा चुके हैं, जिसमें अब तक 19 मरीजों की जांच की जा चुकी है। इनमें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर किडनी ट्रांसप्लांट के 7 मामले सामने आए हैं। जबकि 16 मरीजों के दस्तावेजों की पुष्टि होनी बाकी है।