(PKL): देहात पुलिस ने फिरौती मांगने वाले गिरोह के 4 सदस्यों में से 3 को काबू किया है। हालांकि एक आरोपी अभी फरार चल रहा है। काबू किए गए आरोपियों में एक महिला भी शामिल है। एसएसपी स्वर्णदीप सिंह और एसपी डी सरबजीत सिंह बाहिया ने जानकारी देते हुए बताया कि नकोदर में ज्वैलर से फिरौती को लेकर शिकायत आई थी। इसे लेकर एक क्राइम ब्रांच की एक टीम का गठन किया गया था।
सब इंस्पेक्टर पुष्प बाली को मुखबिर से फिरौती मांगने वाले गिरोह के बारे में पता चला। इसके बाद मां-बेटा राहुल उर्फ अमन पुत्र मेजर लाल निवासी आंवां मोहल्ला नकोदर और उसकी माता सुखविंदर कौर पत्नी मेजर लाल को जालंधर में कमल अस्पताल के पास गिरफ्तार किया गया। आरोपियों ने नकोदर के एक ज्वैलर से 45 लाख रूपए की फिरौती मांगी थी। पैसे न देने पर सुनार समेत उसके सारे परिवार को जान से मार देने की धमकी दी थी।
आरोपी फर्जी सिम कार्ड से ज्वैलर संजीव के पास फोन करते थे। फोन करके उसके कहते थे कि कपड़ा व्यापारी टिम्मी चावला का हाल देख ले क्या हुआ। यदि पैसे न दिए तो उसका भी वही हाल करेंगे। हालांकि पुलिस जांच में सामने आया कि इस गिरोह का टिम्मी चावला को मारने वाले गिरोह से कोई संबंध नहीं है। इन्हीं के जरिए पुलिस ने गिरोह के तीसरे आरोपी और सुखविंदर कौर के दामाद सिमरनजीत सिंह उर्फ सन्नी पुत्र बलकार सिंह उर्फ बिट्टू निवासी मोहल्ला मल्लियां (जीरा, फिरोजपुर) तक पहुंची। अभी चौथा अरोपी जसकीरत सिंह उर्फ जसकरन उर्फ जस्सा पुत्र गुरनाम सिंह निवासी मोहल्ला ढेरियां शाहकोट, जालंधर फरार है।
पकड़े गए आरोपियों में अमन ज्वैलर संजीव की बिल्डिंग में बने एक सैलून में काम करता है। इसके अलावा शहर में और भी संजीव की इमारतें है जिनसे उन्हें मोटा किराया आता है। इसकी जानकारी अमन को थी। अमन को यह ही पता था कि संजीव डरपोक किस्म का इंसान है। इसी का फायदा उठाने के लिए अमन ने अपनी मां के साथ मिलकर फिरौती की सारी पटकथा लिखी। मां ने जाली दस्तावेजों पर सिम लिया। इसे बाद कालिंग की जिम्मेदारी जस्सा को सौंपी।